भाजपा के गढ़ में कॉंग्रेस का दिखा जलवा! भाजपा का अतिविश्वास पड़ ना जाये भारी ?

नगरीय निकाय चुनाव 2025 , धरमजयगढ़ के वार्ड क्रमांक 01 औऱ 02 में बनते बिगड़ते समीकरण भाजपा के लिए चुनौती

वार्ड में जनसम्पर्क के दौरान कॉंग्रेस के नगर पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी औऱ वार्ड क्रमांक 01औऱ 02 में पार्षद प्रत्याशियों के पक्ष में उम्मीद से ज्यादा जन समर्थन देखने को मिला, एक मतदाता ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि स्थानीय समाज के लोगों से राय मशविरा किये बिना ही भाजपा ने “पैराशूट” कैंडिडेट उतार दिया है, जिससे स्थानीय मतदाताओं में कहीं ना कहीं नाराजगी है, नगर पंचायत का वार्ड क्रमांक, 01 औऱ 02 जहाँ बंग समाज क़ी बहुलता है भाजपा का परंपतागत वोट बैंक माना जाता है, लेकिन इस बार कुछेक कारणों से बदले हुए नजर आ रहे हैं, जहाँ एक ओर भाजपा प्रत्याशी क़ी उम्मीदवारी को लेकर कई प्रकार क़ी चर्चाएं हैं तो वहीँ वार्ड में कांग्रेस को मिला समर्थन भाजपा के माथे पर बल लाने के लिए काफी हैं!
जनसंपर्क में उमड़ा जनसैलाब, भाजपा के लिए चेतावनी के संकेत

वार्ड क्रमांक 01 और 02 में हुए जनसंपर्क अभियान के दौरान स्थानीय जनता का उत्साह देखने लायक था। जहां प्रत्याशियों ने इसे अपनी लोकप्रियता का संकेत माना, वहीं राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक भीड़ का रुख हमेशा चुनावी नतीजों की गारंटी नहीं होती।
एक स्थानीय मतदाता ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया,
“भाजपा ने स्थानीय समाज के लोगों से सलाह-मशविरा किए बिना ही ‘पैराशूट कैंडिडेट’ उतार दिया है, जिससे स्थानीय मतदाताओं में नाराजगी साफ देखी जा रही है।”
यह बयान भाजपा के लिए किसी चेतावनी से कम नहीं है, क्योंकि धरमजयगढ़ जैसे इलाकों में स्थानीयता और जमीनी पकड़ ही वोटों के बड़े आधार बनते हैं।
मुकाबला बन रहा है दिलचस्प और चुनौतीपूर्ण
वार्ड क्रमांक 01 में भाजपा के मीतू भद्र, कांग्रेस की गीता सरकार, और निर्दलीय उम्मीदवार शीला राय के बीच त्रिकोणीय मुकाबला पहले ही रोचक हो चुका है। अब “पैराशूट उम्मीदवार” के मुद्दे ने इसे और भी पेचीदा बना दिया है।
विशेष रूप से रविंद्र राय के राजनीतिक अनुभव और उनके परिवार से आने वाली शीला राय का निर्दलीय रूप में चुनाव लड़ना भाजपा के वोट बैंक को सीधे तौर पर प्रभावित कर सकता है।
भाजपा के सामने चुनौती:
भाजपा के लिए यह स्थिति इसलिए भी गंभीर है क्योंकि अगर वार्ड क्रमांक 01 और 02 जैसे महत्वपूर्ण इलाकों में वोट बैंक में दरार आती है, तो इसका असर नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर भी साफ तौर पर देखा जा सकता है।
स्थानीय जनता का एक बड़ा वर्ग इस बार ‘परंपरागत वोटिंग पैटर्न’ से हटकर सोचने की बात कर रहा है। कई मतदाताओं ने यह संकेत दिया है कि वे उम्मीदवार के स्थानीय जुड़ाव, पारदर्शिता और विकास कार्यों को प्राथमिकता देंगे न कि सिर्फ पार्टी के नाम को।
नगर पंचायत धरमजयगढ़ के चुनावी मैदान में इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प हो चला है। भाजपा को जहां संगठनात्मक मजबूती का भरोसा है, वहीं विरोधी दल और निर्दलीय उम्मीदवार स्थानीय नाराजगी को भुनाने में जुटे हैं।

अब देखना यह है कि क्या भाजपा इस चुनावी ‘असंतोष’ की हवा को अपने पक्ष में मोड़ पाएगी या फिर यह नाराजगी उनके लिए एक बड़ा झटका साबित होगी?

अंतिम फैसला तो मतदाता ही देंगे और उसका इंतजार पूरे नगर को है।

(विशेष रिपोर्ट – धरमजयगढ़ नगर पंचायत चुनाव 2025)

रिपोर्टर – ऋषभ तिवारी
alt=”” width=”150″ height=”150″ class=”aligncenter size-thumbnail wp-image-2957″ />


जवाब जरूर दे 

[poll]

Related Articles