श्रीमदभागवत कथा में शामिल हुए राजीव अग्रवाल, कार्यक्रम के आयोजन को सराहा , साईं बाबा का भी लिया आशीर्वाद

धरमजयगढ़। साईं दरबार समिति धरमजयगढ़ के तत्वाधान में आज से श्रीमद्भागवत कथा का भव्य समापन से दिनांक 04 फरवरी को हुआ , कार्यक्रम 1 फरवरी को आरम्भ हुआ था जिसमें प्रसिद्ध कथा वाचिका दीदी सुनयना कृष्णा जी के श्रीमुख से भक्तों को श्रीमद्भागवत कथा का रसपान करने का सौभाग्य मिला । कथा प्रारंभ से पूर्व कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु परंपरागत कर्मा नृत्य के साथ परंपरागत वेशभूषा में शामिल हुए  थे !

धरमजयगढ़: कांग्रेस प्रत्याशी राजीव अग्रवाल ने श्रीमदभागवत कथा में लिया आशीर्वाद, हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति

धरमजयगढ़ नगर पंचायत अध्यक्ष पद के कांग्रेस प्रत्याशी राजीव अग्रवाल ने चुनावी व्यस्तता के बावजूद आध्यात्मिक आयोजन में भाग लेते हुए श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण किया। यह आयोजन साईं दरबार समिति के तत्वावधान में संपन्न हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। कथा वाचिका के प्रवचनों को सुनने के बाद राजीव अग्रवाल ने साईं बाबा का आशीर्वाद भी लिया और नगरवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की।

चुनावी अभियान के बीच आध्यात्मिकता से जुड़ाव

चुनावी प्रचार की व्यस्तता के बावजूद राजीव अग्रवाल ने घंटों तक श्रीमद्भागवत कथा को ध्यानपूर्वक सुना और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त की। इस दौरान उन्होंने कहा कि धर्म और आध्यात्मिकता समाज को जोड़ने का कार्य करती है और इससे उन्हें जनता की सेवा के लिए और अधिक प्रेरणा मिलती है।

हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति, आयोजन का भव्य समापन

4 फरवरी को कथा का समापन हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। संपूर्ण कार्यक्रम में भक्ति भाव और आध्यात्मिक वातावरण का प्रभाव देखने को मिला। कथा वाचिका ने धर्म, सेवा और सत्कर्म के महत्व को बताया, जिससे श्रद्धालु अभिभूत हुए।

इस बीच राजीव अग्रवाल ने श्रद्धालुओं से संवाद करते हुए कहा कि धरमजयगढ़ की जनता ही उनका परिवार है और उनकी सेवा ही उनका धर्म है। उन्होंने इस अवसर पर नगर की सुख-समृद्धि और जनता की खुशहाली की प्रार्थना की !

इस आयोजन में धरमजयगढ़ के गणमान्य नागरिकों, व्यापारियों, महिलाओं और युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। साईं दरबार समिति के प्रयासों की सराहना करते हुए राजीव अग्रवाल ने कहा कि इस प्रकार के धार्मिक आयोजनों से समाज में सद्भाव और एक सामाजिक जुड़ाव बना रहता है, इस तरह के धार्मिक कार्यक्रम समाज को एक सूत्र में पिरोने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं !


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