*धरमजयगढ़ निकाय चुनाव में वर्चस्व पर केंद्रित हो रहा राजनीतिक समीकरण!*

*हाशिए पर नज़र आ रहे मुख्य मुद्दे, अन्य एंगल से वोट साधने की कवायद*

प्रदेश में निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल सरगर्म है।रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए बीजेपी ने अनिल सरकार को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं, कांग्रेस ने नगर अध्यक्ष के लिए युवा नेतृत्वकर्ता राजीव अग्रवाल को मौका दिया है। दोनों प्रमुख दलों द्वारा चुनावी प्रचार प्रसार में भले ही विकास के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन ज़मीनी स्तर के लिहाज़ से यह मुद्दा कारगर होता नज़र नहीं आ रहा है। इस बार चुनाव में स्थानीय स्तर के मुख्य मुद्दे हाशिए पर नज़र आ रहे हैं। इस लिहाज़ से अन्य एंगल से वोट साधने की अंदरूनी कवायद भी शुरू हो गई है।

राजीव अग्रवाल लंबे समय से राजनीति में सक्रिय रहे हैं। राजीव के राजनीतिक उतार चढ़ाव को रेखांकित करने की कोशिश इस बात की तरफ इशारा करती है कि अनुभव राजीव अग्रवाल के लिए प्लस प्वाइंट है।

उधर, अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि धरमजयगढ़ बीजेपी ने पहले से सधे हुए वोट की प्रत्याशा में अनिल को मौका दिया है। बीजेपी ने इस बार अध्यक्ष पद के लिए बिलकुल फ्रेश चेहरे पर भरोसा जताया है। उल्लेखनीय है कि स्थानीय चुनावी राजनीति में वर्ग विशेष की लामबंदी चुनाव में आशा अनुरूप या विपरीत परिणाम तय करने में सक्षम है।

हालांकि, हाल ही में स्थानीय राजनीति में गहरा प्रभाव रखने वाले खेमे की समानांतर लॉबिंग की स्थिति ने बीजेपी को कुछ पल के लिए उलझन में डाल दिया। इस मामले में डैमेज कंट्रोल की कोशिश भी असफल रही।
अब स्थानीय बीजेपी पर फिर से इस स्थिति को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी आ गई है। एक विवादित कंटेंट के सार्वजनिक तौर पर साझा होने से स्थानीय सियासी पारा चढ़ते जा रहा है।
स्वभाव के दृष्टिकोण से दोनों प्रमुख दलों के स्थानीय प्रत्याशियों में काफ़ी समानता है। वर्तमान समय में बीजेपी टीम एकमुश्त वोट की अभिलाषा से ओतप्रोत होकर  अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। वहीं, धरमजयगढ़ कांग्रेस अनुभव से राजनीतिक गढ़ भेदने के लिए अग्रसर हो रही है। इन सब के बीच दोनों प्रमुख दलों पर बगावतों को हैंडल करने का दायित्व भी आ गया है। इधर, निर्दलीय के रूप में तीसरा मोर्चा भी समीकरण उलटने के लिए आतुर हो चला है।

रिपोर्टर – ऋषभ तिवारी


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