शिलालेख पर नाम न होने पर बोलीं जनपद पंचायत सदस्य यह प्रशासनिक लापरवाही है या जानबूझकर की गई राजनीतिक उपेक्षा ?

💥 शिलापट्ट से गायब नाम पर उठे सवाल – क्या यही है राजनैतिक शिष्टाचार ?* जनपद पंचायत सदस्य ने प्रशासन के कार्यप्रणाली पर उठाया सवाल 💥 
धरमजयगढ़ – धरमजयगढ़ विकासखण्ड के ग्राम कुडेकेला में प्री -मैट्रिक बालक छात्रावास का लोकार्पण समारोह 13 अगस्त सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद माननीय श्री राधेश्याम राठिया मौजूद रहे।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में धरमजयगढ़ विधायक माननीय श्री लालजीत सिंह राठिया, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती लीनव राठिया, उपाध्यक्ष श्री शिशुपाल गुप्ता, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती रजनी राठिया, ग्राम पंचायत कुडेकेला की सरपंच श्रीमती गिजेबाई राठिया एवं उपसरपंच श्री अनिल कुमार साव उपस्थित रहे।
*शिलापट्ट से गायब नाम पर चर्चा*
श्रीमती रोहिणी पटेल जनपद पंचायत क्षेत्र 05 से जनपद सदस्य हैँ लेकिन उनका नाम उद्घाटन के शिलालेख में नहीं है उनका कहना है कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को शासकीय आयोजनों से वंचित करना लोकतांत्रिक परंपरा के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि जनता ने उन्हें चुनकर भेजा है, ऐसे में उनकी उपस्थिति या नाम को नज़रअंदाज करना जनता का अपमान है ।
उनका यह भी कहना है कि यदि निर्वाचित प्रतिनिधियों को ही मंच और शिलापट्ट से अलग रखा जाएगा तो लोकतंत्र की गरिमा पर प्रश्नचिह्न खड़ा होगा। 
उधर, छात्रावास परिसर से जुड़ी अन्य समस्याओं – जैसे दूषित पेयजल, बाउंड्री वाल का अभाव और हाथी प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा संकट – को लेकर भी उन्होंने चिंता जताई है।
एक निर्वाचित प्रतिनिधि होने के बावजूद उनका नाम शिलापट्ट पर भी दर्ज नहीं किया गया। ग्रामीणों व जागरूक नागरिकों ने इस पर कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में जनता
द्वारा चुने गए सभी जनप्रतिनिधियों को सम्मान मिलना चाहिए, चाहे वे किसी कारणवश कार्यक्रम में उपस्थित हों या न हों।लोगों का कहना है कि शासकीय आयोजनों में नाम शामिल करना महज औपचारिकता नहीं, बल्कि निर्वाचित प्रतिनिधियों के प्रति आदर और लोकतंत्र के प्रति विश्वास का प्रतीक होता है। शिलापट्ट से नाम गायब होने की वजह से अब यह मुद्दा स्थानीय राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है।
लोकार्पण के दौरान अतिथियों ने सामूहिक रूप से छात्रावास का उद्घाटन किया और इसे ग्रामीण अंचल के विद्यार्थियों के लिए एक नई सौगात बताया। उन्होंने कहा कि इस छात्रावास की स्थापना से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा और शिक्षा का माहौल सुदृढ़ होगा।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीणजन, जनप्रतिनिधि एवं छात्र-छात्राएँ शामिल हुए।धरमजयगढ़ विकासखण्ड के ग्राम कुडेकेला में हाल ही में लोकार्पित प्रि-मैट्रिक बालक छात्रावास अब सवालों के घेरे में आ गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिस क्षेत्र में यह छात्रावास बना है, वहाँ आसपास के हैंडपंप और नलों से लाल व मटमैला पानी निकलता है। जाहिर है कि ऐसे हालात में छात्र भी दूषित पानी पीने को मजबूर होंगे, जो सीधे तौर पर बच्चों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।
इतना ही नहीं, हॉस्टल परिसर में बाउंड्री वाल का अभाव भी सुरक्षा की दृष्टि से बेहद खतरनाक स्थिति पैदा करता है। ग्रामीणों का कहना है कि यह इलाका हाथी प्रभावित क्षेत्र है और कुछ दिनों पूर्व ही हाथी छात्रावास परिसर तक पहुँच गया था। ऐसी परिस्थिति में बच्चों की जान को हमेशा खतरा बना रहता है।
ग्रामीणों और अभिभावकों को प्रशासन से अपेक्षा है कि छात्रावास की सुरक्षा और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था तत्काल की जाए। उनका कहना है कि करोड़ों रुपए की लागत से बने भवन का सही उपयोग तभी संभव है, जब बच्चों को सुरक्षित वातावरण और शुद्ध पानी उपलब्ध कराया जाए।गौरतलब है कि छात्रावास का उद्घाटन विगत 13 अगस्त को हुआ था और इसे ग्रामीण अंचल के बच्चों की शिक्षा के लिए बड़ी सौगात बताया गया था। लेकिन शुरुआती दिनों में ही अव्यवस्थाओं के उजागर होने से प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।धरमजयगढ़ विकासखण्ड के ग्राम कुडेकेला में हाल ही में लोकार्पित प्रि-मैट्रिक बालक छात्रावास को लेकर जहाँ शिलापट्ट से निर्वाचित जनपद पंचायत सदस्य श्रीमती रोहिणी पटेल का नाम गायब रहा, वहीं अब इस विषय पर खुद रोहिणी पटेल ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है श्रीमती रोहिणी पटेल जनपद पंचायत क्षेत्र 05 से जनपद सदस्य हैँ लेकिन उनका नाम उद्घाटन के शिलालेख में नहीं है उनका कहना है कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को शासकीय आयोजनों से वंचित करना लोकतांत्रिक परंपरा के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि जनता ने उन्हें चुनकर भेजा है, ऐसे में उनकी उपस्थिति या नाम को नज़रअंदाज करना जनता का अपमान है । उन्होंने कहा कि जो लोग जिन लोगों ने निमंत्रण को तरजीह नहीं दी यानि नाम होने के बावजूद कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हुये उनका नाम शिलालेख में है , अब इसे क्या समझा जाये जनता खुद तय करेगी !
ग्रामीणों का भी कहना है कि यदि निर्वाचित प्रतिनिधियों को ही मंच और शिलापट्ट से अलग रखा जाएगा तो लोकतंत्र की गरिमा पर प्रश्नचिह्न खड़ा होगा।
उधर, छात्रावास परिसर से जुड़ी अन्य समस्याओं – जैसे दूषित पेयजल, बाउंड्री वाल का अभाव और हाथी प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा संकट – को लेकर भी लोगों ने चिंता जताई है। 











