
ग्राम पंचायतों में ठप हुआ कामकाज: हड़ताल से प्रशासन पर मंडराया संकट!
धरमजयगढ़ – छत्तीसगढ़ में पंचायत सचिवों की बेमियादी हड़ताल ने पूरे ग्रामीण प्रशासन को अधर में लटका दिया है। ग्राम पंचायतों में सरकारी कामकाज ठप हो गया है, जिससे ग्रामीणों की परेशानियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए पंचायत सचिव संघ अध्यक्ष कैलाश नारायण यादव ने बताया कि जुलाई 2024 में सरकार ने आगामी बजट सत्र तक सचिवों का शासकीयकरण करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब बजट सत्र में भी उनकी इस बहुप्रतिक्षित मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया, जिससे मजबूर होकर सचिव सड़कों पर उतर आये हैं !
पंचायतों में काम काज प्रभावित , जरूरी सेवाएँ ठप!
पंचायत सचिवों की गैरमौजूदगी का असर अब हर गाँव में साफ नजर आने लगा है। सचिवों की हड़ताल ने ग्राम पंचायतों में काम काज बुरी तरह प्रभावित होंगी! 
ग्राम पंचायतें बनीं ‘सूनी चौपाल’, अधिकारी असहाय!
प्रदेश के 11,000 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में ताले लग गए हैं। गाँवों में रोजाना लगने वाली चौपालें सुनसान पड़ी हैं, क्योंकि पंचायत सचिवों के बिना प्रशासन पंगु बन चुका है। ग्रामीणों को अब छोटे-छोटे कामों के लिए भी भटकना पड़ रहा है! 
* सरकार पर चौतरफा दबाव *
पंचायत सचिवों की हड़ताल से सरकार की मुस्किलें बढ़ गई हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन पूरी तरह ठप हो गया है, जिससे सरकार की छवि पर भी असर पड़ रहा है।
अगर जल्द ही कोई हल नहीं निकला, तो यह हड़ताल ग्राम पंचायतों के साथ-साथ राज्य सरकार के लिए भी बड़ी मुसीबत बन सकती है।















