राष्ट्रीय पर्व ही नहीं , आत्मसम्मान औऱ राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक है ” गणतंत्र दिवस “

प्रिय एवं आदरणीय साथियों ,
आज का दिन हर भारतीय के लिए गर्व और आत्मसम्मान का प्रतीक है। 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ और भारत एक संप्रभु,धर्मनिरपेक्ष, और लोकतांत्रिक गणराज्य बना। यह दिन हमें हमारे उन महान नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों की याद दिलाता है, जिनके बलिदान और अथक प्रयासों ने हमें आज़ाद और स्वाभिमानी राष्ट्र के रूप में स्थापित किया।
गणतंत्र दिवस सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि यह हमारी एकता, विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों का उत्सव है। यह अवसर हमें संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाता है। यह समय है आत्ममंथन का, जब हम अपने योगदान पर विचार करें कि हम कैसे अपने देश को और बेहतर बना सकते हैं।
आज हमें यह समझने की ज़रूरत है कि विकास और प्रगति की यात्रा में हर नागरिक की भूमिका महत्वपूर्ण है। चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र हो, स्वास्थ्य सेवाएं, पर्यावरण संरक्षण, या आर्थिक समृद्धि—हम सबका सहयोग और समर्पण देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।
हमारी सेना, पुलिस बल और उन सभी लोगों का आभार व्यक्त करना भी आवश्यक है जो निस्वार्थ भाव से देश की सुरक्षा और सेवा में लगे हुए हैं। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण से हम सुरक्षित और स्वतंत्र जीवन जीने में सक्षम हैं।
आइए, इस गणतंत्र दिवस पर हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम अपने संविधान का सम्मान करेंगे, अपनी संस्कृति और धरोहर को संजोएंगे, और देश के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।
आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
जय हिंद! 
ऋषभ तिवारी
संपादक, [रिवॉल्विंगstory. com]











