हाथियों के लिए मुसीबत बनेगा प्रस्तावित कोल ब्लॉक ! बढ़ेगा मानव-हाथी द्वंद्व, धरमजयगढ़ के जंगलों में खतरे की आहट ?

धरमजयगढ़ – छत्तीसगढ़ के धरमजयगढ़ वन अंचल में प्रस्तावित अडानी समूह (मैसर्स अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड) का पुरंगा अंडरग्राउंड कोल ब्लॉक अब हाथियों के लिए नई मुसीबत बनकर उभर रहा है। वन क्षेत्र के बीच प्रस्तावित यह परियोजना न केवल जंगलों को काटेगी, बल्कि हाथियों के प्राकृतिक गलियारे (कॉरिडोर) को भी समाप्त कर देगी।

वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2001 से अब तक धरमजयगढ़ वनमंडल में 167 ग्रामीणों की मौत हाथियों के हमले में और 68 हाथियों की मौत दर्ज की जा चुकी है। अकेले छाल रेंज में, जहाँ यह कोल ब्लॉक प्रस्तावित है, अब तक 54 ग्रामीण और 31 हाथियों की जानें जा चुकी हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि खदान शुरू होने के बाद हाथियों के आवास और भोजन क्षेत्र सिकुड़ जाएंगे, जिससे वे गांवों की ओर रुख करेंगे और मानव-हाथी संघर्ष और भी भीषण रूप ले लेगा।
ग्रामीणों ने भी चेतावनी दी है कि “अगर जंगल उजड़े, तो न हाथी बचेंगे, न हम।”
धरमजयगढ़ का यह इलाका पहले से ही मानव-हाथी संघर्ष की आग में झुलस रहा है, और अब यह कोल ब्लॉक स्थिति को और विस्फोटक बनाने की ओर बढ़ा रहा है।

अब सवाल यह है कि क्या शासन विकास के नाम पर इस वनांचल की शांति को दांव पर लगाएगा, या फिर समय रहते इस बढ़ते संकट को टालने का निर्णय लेगा?


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