*धनवादा प्रोजेक्ट मामले में कॉरपोरेट और सिस्टम के गठजोड़ का खुलासा !*

*सक्षम प्राधिकार की मंजूरी के बिना चल रहा प्रोजेक्ट का काम – अधिकारी* 
रायगढ़ जिले में निजी उद्योग समूहों की खुली भर्राशाही के आगे जिम्मेदार अधिकारी रेड कारपेट बिछाने में लगे हुए नज़र आ रहे हैं। अधिकारियों की यह कवायद संबंधित कंपनी को पर्याप्त और अतिरिक्त राहत दे रही है। इस मामले में निजी उद्योग समूह को बेजा लाभ पहुंचाने के लिए वन अधिनियम को हाशिए पर रख दिया गया। जिसमे अधिकृत स्वीकृति के बिना ही कंपनी ने प्रभावित भूमि पर प्रोजेक्ट से जुड़ा पूरा स्ट्रक्चर खड़ा कर दिया और वन विभाग के आला अधिकारी तमाशबीन बने रहे। इस मामले में सवाल यह भी है कि स्थानीय वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ने किन शर्तों पर वन अधिनियम के प्रावधान के अनुसार कार्रवाई के बजाय वन अधिनियम को अपने स्तर पर शिथिल करने का काम किया। यहां तक कि इस मामले को संज्ञान में लाने के बावजूद वन अधिकारी विधिवत कार्यवाही से भी कतराते रहे हैं। 
जिले में धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम भालूपखना में धनवादा पावर एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड नामक एक निजी कंपनी को विधि विरुद्ध काम करने की लिए पूरा वन अमला सरेंडर हो गया और धनवादा कंपनी किसी तरह की कागज़ी प्रक्रिया पूरी किए बिना ही प्रभावित वन एवं गैर वन भूमि पर प्रोजेक्ट का कार्य शुरू कर दिया। इस तरह के उल्लंघन की जांच के लिए अधिकृत वन विभाग के स्थानीय डीएफओ की निगरानी के बावजूद धनवादा पावर कंपनी ने बिना किसी अधिकृत वन मंजूरी के इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन को जारी रखा। ऐसा करते हुए कंपनी ने एफसीए के प्रावधान, जिसमें वन मंजूरी के बिना किसी भी तरह की प्रभावित भूमि पर काम शुरू नहीं करने के संबंध में स्पष्ट दिशा निर्देश दिए गए हैं, का स्पष्ट उल्लंघन किया। हैरानी है कि स्थानीय वन अधिकारी ने केंद्रीय मंत्रालय के इस निर्देश के उल्लंघन पर कार्रवाई करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। 
इस मामले को लेकर वन विभाग के एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि धनवादा पावर एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के भालूपखना में चल रहे लघु जल विद्युत परियोजना को वन मंजूरी नहीं मिली है। विभागीय अधिकारी ने कहा कि बिना स्वीकृति के कंपनी ने भालूपखना में प्रोजेक्ट से जुड़े स्ट्रक्चर को लगभग पूरा कर लिया है। अधिकारी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए वन मंजूरी की प्रक्रिया चल रही है। इस मामले में धरमजयगढ़ डीएफओ अभिषेक जोगावत से फोन पर संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की। 














