*धरमजयगढ़ में ‘हाथी मितान’ वार्ता केंद्र की शुरुआत — हाथियों से जनसुरक्षा की नई पहल*

धरमजयगढ़ – वन्यजीवों, खासकर हाथियों से मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने और जनसुरक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में धरमजयगढ़ वनमंडल ने एक अनूठी पहल की है। ‘हाथी मितान’ वार्ता केंद्र नामक इस पहल की शुरुआत धरमजयगढ़ रेंज के ओंगना गांव से की गई है। इस योजना का उद्देश्य है— कम समय में अधिक से अधिक ग्रामीणों तक हाथियों की मौजूदगी की जानकारी पहुंचाना और संभावित दुर्घटनाओं को समय रहते रोकना।

वनमंडलाधिकारी जितेंद्र कुमार उपाध्याय के निर्देशन में शुरू हुई इस योजना के तहत, हाथी प्रभावित 30 से 40 गांवों में ऐसे वार्ता केंद्र स्थापित किए जाएंगे। पहला केंद्र ओंगना गांव में बनाया गया है, जिसकी जिम्मेदारी संयुक्त वन समिति के अध्यक्ष जगन्नाथ गुप्ता को सौंपी गई है। जगन्नाथ गुप्ता को हाथियों और वन्यजीवों के व्यवहार की गहरी समझ होने के कारण यह जिम्मेदारी उन्हें दी गई है।

*कैसे काम करेगा वार्ता केंद्र*
वार्ता केंद्र गांव के प्रमुख स्थान — दुकान चौक — पर बनाया गया है, जहां से गुजरने वाले हर ग्रामीण को हाथियों की मौजूदगी की ताज़ा जानकारी मिल सकेगी। नक्शा और ट्रैकिंग सिस्टम की मदद से हाथियों की गतिविधियों को मॉनिटर कर, ग्रामीणों तक समय रहते सूचना पहुंचाई जाएगी। इससे ग्रामीण सतर्क रहेंगे और हाथी से जुड़ी अनहोनी को टाला जा सकेगा।
कार्यक्रम के दौरान डीएफओ जितेंद्र कुमार उपाध्याय, एसडीओ बालगोविंद साहू, रेंजर, डीपीटी रेंजर, फॉरेस्ट गार्ड, वरिष्ठ ग्रामीण और स्कूली बच्चे मौजूद रहे। इस मौके पर ग्रामीणों और बच्चों को हाथियों के स्वभाव, उनकी चाल-ढाल और उनसे सुरक्षित दूरी बनाए रखने के तरीकों की विस्तृत जानकारी दी गई।

डीएफओ ने बताया कि आने वाले समय में ‘हाथी मितान’ वार्ता केंद्रों के माध्यम से अन्य जनहितकारी कदम भी उठाए जाएंगे, ताकि मानव-हाथी संघर्ष को और कम किया जा सके।


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