* धरमजयगढ़-खरसिया मार्ग बना गड्ढे का सफर, – छात्र देंगे एसडीएम को ज्ञापन *

लोक निर्माण विभाग, स्थानीय, जनप्रतिनिधि और नगर पंचायत की अनदेखी ने सड़क को बनाया खतरे का सड़क
धरमजयगढ़-खरसिया मुख्य मार्ग इन दिनों सड़क नहीं, बल्कि गड्ढों का सिलसिला बन चुका है। कभी बरसात का पानी, तो कभी धूल का गुबार… और बीच-बीच में ऐसे गहरे गड्ढे, जिनसे निकलना मानो जान जोखिम में डालने जैसा है। स्थिति यह है कि शासकीय महाविद्यालय के छात्रों सहित रोज़ाना सफ़र करने वाले आम राहगीर भी अब इस सड़क पर कदम रखने से डरने लगे हैं।
छात्रों का कहना है कि वर्षों से इस सड़क की मरम्मत के नाम पर केवल खानापूर्ति होती आई है। घटिया निर्माण, घटिया मटेरियल और काम के बाद निरीक्षण में अनदेखी ने इस सड़क को आज खतरनाक बना दिया है। हालात इतने खराब हैं कि किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है।
विभाग की नींद टूटी नहीं, जनप्रतिनिधि और नगर पंचायत मौन-
स्थानीय लोगों का आरोप है कि जिम्मेदार विभाग पूरी तरह नाकाम साबित हुआ है। गड्ढों को भरने की जगह उन्हें “बढ़ने” दिया जा रहा है। जनप्रतिनिधि जो जनता की आवाज़ बनने का दावा करते हैं, वे भी चुप्पी साधे बैठे हैं। नगर पंचायत का रवैया भी कम नहीं—न तो अस्थायी मरम्मत, न ही सफाई की व्यवस्था, न ही पानी निकासी की कोई योजना।
इस समस्या को लेकर छात्र अब चुप नहीं बैठने वाले। उन्होंने निर्णय लिया है कि आने वाले दिनों में वे एसडीएम को ज्ञापन सौंपेंगे और सड़क सुधार की ठोस मांग रखेंगे। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन की राह अपनाने की चेतावनी दी है।
“जनप्रतिनिधि चुनाव के समय बड़े वादे करते हैं, लेकिन जनता की जान से जुड़े इस मुद्दे पर सब मौन हैं।
अब देखना है कि प्रशासन, जिम्मेदार विभाग और जनप्रतिनिधि कब जागते हैं—या फिर सड़क के गड्ढे किसी बड़ी दुर्घटना के बाद ही मरम्मत होंगे!