* धरमजयगढ़ का उद्यान बना प्रकृति का नया उपवन*हरियाली, ठंडक, फूलों की महक और फलों की बहार—यहां प्रकृति ने बिखेरी है अपनी पूरी छटा *

धरमजयगढ़ (रायगढ़)। अगर आप शहरी भागदौड़ से दूर शांति, सुकून और प्रकृति की गोद में कुछ पल बिताना चाहते हैं, तो धरमजयगढ़ का नया विकसित हो रहा उद्यान आपके लिए आदर्श स्थल बन सकता है। यह स्थान न सिर्फ हरियाली से लबालब है, बल्कि अब इसे एक शानदार पिकनिक स्पॉट की तरह आकर्षक और दर्शनीय स्थल में तब्दील करने की योजना भी है जिसके लिये स्थानीय स्तर पर उद्यान अधीक्षक आर एस पैंकरा के मार्गदर्शन में तैयारियां भी तेज़ हो चुकी हैं।
प्राकृतिक छटा का अद्भुत नजारा
उद्यान में कदम रखते ही हरे-भरे आम, लीची, कटहल, संतरा और नींबू के पेड़ जैसे आपका स्वागत करते हैं। वहीं गुलमोहर, मदार और अन्य मौसमी फूलों की रंगीन आभा और खुशबू मन को मोह लेती है। खास बात यह है कि तेज़ गर्मी के मौसम में भी यहां की ठंडी हवा और छायादार वृक्ष गर्मी के अहसास को छू तक नहीं देते। यह स्थल अब केवल एक पार्क नहीं, बल्कि स्थानीय लोगों के दिलों में एक सुखद अनुभव का नाम बनता जा रहा है।
सुनियोजित विकास की ओर कदम
स्थानीय प्रशासन इस खूबसूरत स्थल को एक पूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए पूरी गंभीरता से प्रयास कर रहा है। प्रस्तावित योजनाओं में सुसज्जित पाथवे, फव्वारे, बच्चों के खेलने के उपकरण, बेंच, ओपन जिम, रात्रिकालीन लाइटिंग, और स्वच्छता सुविधाएं शामिल हैं। इन प्रयासों से यह उद्यान धरमजयगढ़ के लिए पर्यटन और सामाजिक मेल-मिलाप का एक नया केंद्र बन सकता है।
सुविधाओं की कमी बनी चुनौती
हालांकि प्राकृतिक रूप से समृद्ध इस उद्यान में एक अच्छा कार्यालय भवन, पेयजल, शौचालय एवं स्थायी देखरेख व्यवस्था जैसे मूलभूत संसाधनों की अभी कमी है। विभाग ने इस ओर गंभीरता दिखाते हुए कहा है कि जल्द ही आवश्यक सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
यह देखना सुखद है कि स्थानीय लोग भी उद्यान की सुंदरता और स्वच्छता बनाए रखने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। स्कूलों और सामाजिक संगठनों द्वारा वृक्षारोपण और स्वच्छता अभियान चलाए जा रहे हैं। युवाओं के बीच यह स्थान फोटोशूट, योग और वॉक के लिए पसंदीदा बनता जा रहा है।
जिस प्रकार से यह उद्यान अपने सौंदर्य और शांत वातावरण से लोगों को आकर्षित कर रहा है, वह दिन दूर नहीं जब यह धरमजयगढ़ ही नहीं, अपितु पूरे रायगढ़ जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन जाएगा। बस ज़रूरत है, प्रशासन और समाज के संयुक्त प्रयासों की।