*”पत्थर से तराशी जाएगी लक्ष्मीपुर की तकदीर, पर्यावरण संग विकास का नया दौर”*

धरमजयगढ़, ग्राम पंचायत लक्ष्मीपुर में आयोजित जनसुनवाई शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई, जिसमें डी बी एल कंपनी द्वारा पत्थर खदान परियोजना को लेकर अधिकांश स्थानीय लोगों ने अपना समर्थन जताया। इस क्षेत्र को प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध माना जाता है, लेकिन इनके समुचित उपयोग न होने के कारण यह लंबे समय से पिछड़ा हुआ है। प्रस्तावित खदान का उद्देश्य सड़क निर्माण के लिए पत्थर उपलब्ध कराना और आवागमन को सुव्यवस्थित करना है, जिससे क्षेत्रीय विकास को गति मिलने की उम्मीद है।जनसुनवाई में यह बात सामने आई कि खनन से पहले और उसके दौरान उत्पन्न होने वाली समस्याओं जैसे ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण और वन्यजीवों को संभावित नुकसान को कम करने के लिए कंपनी ने ठोस कदम उठाने का आश्वासन दिया है। कंपनी ने वन मंत्रालय को एक वचन पत्र सौंपा है, जिसमें एफॉरेस्टेशन (वृक्षारोपण) और जैव विविधता वाले क्षेत्रों को अप्रभावित रखने की प्रतिबद्धता जताई गई है। इसके अलावा, भू-अधिग्रहण और मुआवजे का निपटारा करने के साथ-साथ वन अधिकार अधिनियम का सूक्ष्म अध्ययन और पुनर्वास (यदि आवश्यक हो) जैसी प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए भी कंपनी तैयार है।स्थानीय लोगों का मानना है कि प्राकृतिक संसाधनों के समुचित दोहन से क्षेत्र में समृद्धि आएगी। कंपनी द्वारा दिए गए इन आश्वासनों और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी के आधार पर ग्राम सरपंच सहित अधिकांश ग्रामीणों ने परियोजना का समर्थन किया। यह जनसुनवाई विकास और पर्यावरण संतुलन के बीच सामंजस्य स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। पुलिस और प्रशासन ने भी इस आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। हालांकि कुछ लोगों ने पर्यावरणीय क्षति और वन उत्पाद और वन औषधियों को लेकर अपनी चिंता जाहिर की , जिसके लिये प्रस्तावित कंपनी वृक्षारोपण जैसे कार्य की अनिवार्यता और सारे मानकों का अनुपालन करने की शर्त पर ही कंपनियों को परियोजना प्रारम्भ करने की अनुमति दी जाती है !