छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय निर्वाचन – 2025, भाजपा कांग्रेस में अध्यक्ष पद की दावेदारी को लेकर मची होड़

ऋषभ तिवारी धरमजयगढ़ (ब्यूरो रिपोर्ट) – नगरीय निकाय चुनाव में नगर पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के लिये भाजपा कोंग्रेस में दावेदारी को लेकर मची होड़ , धरमजयगढ़ नगर पंचायत अध्यक्ष हेतु सीटों का आरक्षण तय होते ही चुनावी माहौल गरमानें लगा है, अध्यक्ष पद अनारक्षित घोषित होते ही यह तो तय था की प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों भाजपा औऱ कांग्रेस में दावेदारों की लम्बी कतार लगेगी , पार्टियां किसे टिकट देंगी औऱ किसके सिर पर अध्यक्ष का ताज़ होगा , यह तो अभी भविष्य के गर्त में है , लेकिन आम जनता के बीच दावेदारी को लेकर जबरदस्त उत्सुकता औऱ चर्चा है ,नगर के हर गली मोहल्ले चौक चौराहों औऱ दुकानों में सिर्फ चुनावी चर्चा होती नजर आती है , बहरहाल जहाँ तक दावेदारी का सवाल है तो भाजपा से वरिष्ठ भाजपा नेता औऱ कुशल रणनीतिकार माने जाने वाले हरिचरण अग्रवाल, पूर्व नगर पंचायत उपाध्यक्ष गोकुल नारायण यादव, चैनानी बन्धुओं द्वय महेश चैनानी औऱ रमेश चैनानी , विजय अग्रवाल , मोनू अग्रवाल, अनिल सरकार औऱ आनंद अग्रवाल के नाम उभरकर सामने आ रहे हैं, वहीँ कांग्रेस से गगनदीप सिंह कोमल ( सन्नी ) रविंद्र राय, पूर्व पार्षद डॉ खुर्शीद खान, मनोज अग्रवाल औऱ महेश जेठवानी के नाम प्रमुख हैँ जिनकी दावेदारी के कयास लगाये जा रहे हैं! प्रत्याशी चयन को लेकर भाजपा औऱ कांग्रेस में मंथन का दौर जारी है!भाजपा के लिये चिंता का एक सबब विजय यादव की दमदार उम्मीदवारी भी है जन चर्चा है कि टिकट ना मिलने पर अच्छा खासा जनाधार रखने वाले विजय यादव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में कुद सकते हैं , ऐसी स्थिति में भाजपा को भारी नुकसान होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता, दूसरी ओर अगर पार्टी विजय यादव को प्रत्याशी बना देती है, तो कहीं ना कहीं भीतरघात की आशंका भी भाजपा को होगी, ऐसे में भाजपा के लिये स्थिति आगे गड्ढा पीछे खाई वाली हो गई है! विगत नगर पंचायत चुनाव में वार्ड क्रमांक 05,से प्रत्याशी ना बनाये जाने पर विजय यादव निर्दलीय लड़े थे, औऱ जीतने में भी कामयाब रहे थे, अध्यक्ष चुनाव में भी वे प्रत्याशी ना बनाये जाने पर फिर निर्दलीय ही चुनाव लड़ेंगे, लगभग यह तय माना जा रहा है!यही स्थिति कांग्रेस की भी हैं , माना जा रहा है कि पार्टी से टिकट ना मिलने पर रविन्द्र राय या डॉ खुर्शीद खान भी चुनावी समर में निर्दलीय प्रत्याशी बनकर उतर सकते हैं, ये दोनों भी व्यापक जनाधार रखने के साथ ही चुनावी रणनीति बनाने में माहिर माने जाते हैं, इनमे से किसी एक का भी पार्टी के खिलाफ जाना, कांग्रेस के लिये खतरे की घंटी होगी, इस डैमेज को कांग्रेस कण्ट्रोल कर पायेगी इसकी संभावना कम ही है, इस उठा पटक का सीधा फायदा किसी निर्दलीय सशक्त उम्मीदवार को मिल सकता है ,बनते बिगड़ते हालातों औऱ चुनावी समीकरण के थोड़ा भी इधर से उधर होने पर चुनाव के नतीजे चौकाने वाले भी हो सकते हैं , फिलहाल दावेदारी के लिए उठा पटक से कुछ ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं, पुराना इतिहास बदलकर आसन्न नगरीय निकाय चुनाव में नगर की जनता एक नया इतिहास लिख दे तो आश्चर्य की बात नहीं होंगी! क्या गोकुल यादव मारेंगे बाजी – अब तक चर्चा से लगभग दूर रहे पूर्व नगर पंचायत उपाध्यक्ष को मुख्यमंत्री का करीबी माना जाता है, संगठन में ऊपर तक उनकी पहुँच है, ऐसे मे राजनीति के कुशल ख़िलाड़ी गोकुल यादव को भाजपा के टिकट का सबसे सशक्त दावेदार के रूप में देखा जा रहा है, गोकुल का नाम सबसे ऊपर चलने की चर्चा भी नगर में होने लगी है, हो सकता है भाजपा बहुत जल्द कयासों अफवाहों के इस बाजार को प्रत्याशी की घोषणा के साथ ख़त्म कर दे!


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