रायपुर- विशाखापत्तनम कॉरिडोर घोटाला: 350 करोड़ के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश, CBI जांच की मांग से विधानसभा में हंगामा

रायपुर: छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापत्तनम तक बन रहे आर्थिक कॉरिडोर में भारी भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने यह गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस परियोजना में 350 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला हुआ है, जिसमें उच्च अधिकारियों की मिलीभगत है। उन्होंने CBI जांच की मांग करते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया।
बड़े स्तर पर हुआ गड़बड़झाला, सरकार ने भी मानी गड़बड़ी
महंत ने बताया कि इस परियोजना में भूमि अधिग्रहण में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं की गई हैं। 13 मूल खातेदारों की जमीन को 54 टुकड़ों में बांटकर अवैध रूप से मुआवजा बढ़ाया गया, जिससे सरकार को 43.19 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
इस मुद्दे पर सरकार को जवाब देना भारी पड़ गया। राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने खुले तौर पर स्वीकार किया कि परियोजना में व्यापक भ्रष्टाचार हुआ है और लगातार शिकायतें मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार मामले की आयुक्त स्तर पर जांच कराएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी।
CBI जांच से सरकार क्यों भाग रही?
महंत ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा, “अगर यह मामला पिछली सरकार का है, तो मौजूदा सरकार को CBI जांच से परहेज क्यों है? क्या सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाना चाहती है?”
इस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के समय CBI जांच पर प्रतिबंध था, तो अब विपक्ष इसे क्यों मांग रहा है?
विधानसभा में भारी हंगामा, विपक्ष का वॉकआउट
सरकार के इस जवाब से नाराज विपक्षी विधायकों ने सदन में जोरदार हंगामा किया और सरकार पर भ्रष्टाचारियों को बचाने का आरोप लगाया। जब सरकार ने CBI जांच की बात को टालने की कोशिश की, तो विपक्ष ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया।