
उपाध्यक्ष को लेकर भाजपा में “रार ” एक नहीं, चार तैयार “!
धरमजयगढ़: भाजपा में उपाध्यक्ष पद को लेकर जारी ऊहापोह के बीच अब कांग्रेस भी चुनावी जंग में कूदने की तैयारी में है। जहां एक ओर भाजपा अपने संभावित उम्मीदवार को लेकर गोपनीय रणनीति अपनाए हुए है, वहीं कांग्रेस ने भी अपने चार पार्षदों में से किसी एक को मैदान में उतारने के संकेत दिए हैं। इस कदम से राजनीतिक माहौल और भी गर्म हो गया है।
भाजपा में घमासान, चार दावेदार रेस में
भाजपा खेमे में उपाध्यक्ष पद को लेकर जबरदस्त खींचतान मची हुई है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, पहली बार पार्षद बने वार्ड नंबर 11 के पार्षद जगन्नाथ यादव का नाम सबसे आगे चल रहा है, लेकिन पार्टी के भीतर संभावित उलटफेर की अटकलों के कारण सस्पेंस बरकरार है। इसके अलावा, विजय यादव, टारजन भारती और अजय राठिया भी इस पद की दौड़ में बने हुए हैं और अपनी दावेदारी को मजबूत करने में जुटे हैं। भाजपा की गोपनीय रणनीति ने पार्टी कार्यकर्ताओं की जिज्ञासा को और बढ़ा दिया है।
कांग्रेस ने भी दिखाए तेवर, पेश करेगी चुनौती
धरमजयगढ़ नगर परिषद में कांग्रेस के मात्र चार पार्षद हैं, लेकिन पार्टी अपनी सियासी संभावनाओं को भुनाने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, पार्टी अपने पार्षदों में से किसी एक को उपाध्यक्ष पद के लिए उतारने की योजना बना रही है। यह कदम भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है, क्योंकि कांग्रेस यदि अन्य निर्दलीय या असंतुष्ट पार्षदों को अपने पक्ष में करने में सफल होती है, तो समीकरण पूरी तरह बदल सकते हैं।
क्या भाजपा खेमा रहेगा एकजुट?
भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती अपने ही खेमे में एकता बनाए रखना है। चार दावेदारों के बीच खींचतान यदि खुलकर सामने आती है, तो कांग्रेस को इसका सीधा लाभ मिल सकता है। हालांकि, भाजपा नेतृत्व ने अभी तक कोई अधिकृत घोषणा नहीं की है, लेकिन पार्टी के भीतर मंथन जारी है।
राजनीतिक संभावनाओं से गरमाई सियासत
धरमजयगढ़ में उपाध्यक्ष पद को लेकर चल रही रस्साकशी ने स्थानीय राजनीति को और रोचक बना दिया है। यदि भाजपा समय रहते अपना पत्ता नहीं खोलती, तो कांग्रेस इस असमंजस का फायदा उठाने की पूरी कोशिश करेगी। वहीं, यदि भाजपा के भीतर असंतोष पनपता है, तो समीकरण अप्रत्याशित रूप ले सकते हैं।
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि भाजपा अपने उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार की घोषणा कब और कैसे करती है, और कांग्रेस अपने दांव-पेंच से क्या उलटफेर कर पाती है। आगामी दिनों में धरमजयगढ़ की राजनीति में बड़ा मोड़ आ सकता है।
विजय यादव क्यों नहीं ? राजनितिक कद में किसी से कम नहीं *
विजय यादव, जो 2004 से लगातार पाँच बार पार्षद चुने गए हैं, ने विभिन्न वार्डों से जीत हासिल कर अपनी राजनीतिक साख मजबूत की है। उनकी यह निरंतर सफलता दर्शाती है कि नगर में उनका व्यापक जनाधार है, जो भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति साबित हो सकता है।