
नहीं रुका विजय रथ , चल पड़ी सन्नी की गड्डी
धरमजयगढ़ नगर पंचायत चुनाव: बड़े नेताओं की हार से भाजपा को झटका, लेकिन अध्यक्ष पद की जीत से राहत
धरमजयगढ़: नगर पंचायत चुनाव में भाजपा को अध्यक्ष पद और अधिकांश पार्षद सीटों पर जीत से राहत जरूर मिली, लेकिन उसके दिग्गज नेताओं की हार पार्टी के लिए झटका साबित हुई। भाजपा किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष टीकाराम पटेल वार्ड 04 से और पूर्व नगर पंचायत उपाध्यक्ष गोकुल नारायण यादव वार्ड 12 से चुनाव हार गए। इन दोनों नेताओं की हार भाजपा के लिए एक बड़ा संकेत मानी जा रही है। गोकुल नारायण यादव को कॉंग्रेस के युवा नेता गगनदीप सिंह कोमल ने हराया,कहना होगा कि लगातार दो जीत के बाद युवा नेता की राजनीति की गड्डी (गाड़ी ) चल पड़ी है, जबकि टीकाराम पटेल को डॉ अख्तरी खुर्शीद खान से शिकस्त झेलनी पड़ी, वहीँ वार्ड क्रमांँक 07 से भाजपा के अजेय योद्धा माने जाने वाले विजय यादव ने भी शानदार जीत दर्ज कर अपना विजय अभियान जारी रखा, बतौर पार्षद विजय ने पाँचवी बार जीत दर्ज की है!
अध्यक्ष पद पर अनिल सरकार की अप्रत्याशित जीत
हालांकि, भाजपा ने नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर अनिल सरकार की अप्रत्याशित जीत दर्ज कर कांग्रेस के राजीव अग्रवाल को करारी शिकस्त दी। चुनावी विश्लेषणों में राजीव अग्रवाल को मजबूत माना जा रहा था, लेकिन नतीजे उनके खिलाफ गए।
पार्षदों में भाजपा का दबदबा, दिखाया 10 का दम!
भाजपा ने 10 सीटों पर कब्जा जमाया: वार्ड 1, 2, 3, 6, 7, 8, 9, 11, 13, 14 में भाजपा के पार्षद विजयी हुए।
कांग्रेस ने यहाँ बचाई लाज : वार्ड 4, 10, 12 और 15 में कांग्रेस के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की।
निर्दलीय ने भी दिखाया दम: वार्ड 5 में वंदना कटारिया निर्दलीय प्रत्याशी के रूप मे विजयी हुईं।
भाजपा को जबरदस्त सफलता, लेकिन आत्मविश्लेषण की जरूरत
भाजपा ने नगर पंचायत अध्यक्ष और अधिकांश वार्डों में जीत हासिल कर अपनी पकड़ बनाए रखी, लेकिन टीकाराम पटेल और गोकुल नारायण यादव जैसे वरिष्ठ नेताओं की हार पार्टी के लिए एक बड़ा संकेत है। इन नतीजों ने यह भी दिखाया कि जनता ने व्यक्तिगत छवि के आधार पर भी मतदान किया, जिससे कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा। 
आने वाले समय में भाजपा को अपने गढ़ को और मजबूत करने के लिए रणनीति में बदलाव करने की जरूरत होगी, जबकि कांग्रेस को गहन आत्ममंथन कर जमीनी स्तर पर काम कर जनता तक पहुँचने के लिए नये सिरे से संगठन को खड़ा करना होगा, तभी कॉंग्रेस पुराने जनाधार को पा सकती है, संगठन के तौर पर कमजोर रणनीति नगर पंचायत में हार का एक प्रमुख कारण रहा!















