नगर पंचायत धरमजयगढ़ चुनाव 2025: वार्ड क्रमांक 01 में त्रिकोणीय संघर्ष ने बढ़ाई भाजपा की चिंता

धरमजयगढ़, (विशेष संवाददाता):
नगर पंचायत धरमजयगढ़ के वार्ड क्रमांक 01 और 02 में नगरीय निकाय चुनावों की सरगर्मियां अपने चरम पर हैं। जहां पहले माना जा रहा था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इन वार्डों में मजबूत स्थिति में है, वहीं हालिया जनसंपर्क अभियानों और मतदाताओं की बदलती नब्ज ने इस पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
वार्ड क्रमांक 01: भाजपा के मजबूत किले में सेंध लगाने की कोशिशें
वार्ड क्रमांक 01 को भाजपा का परंपरागत गढ़ माना जाता रहा है। यहां से भाजपा ने मीतू भद्र को प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा है। शुरुआत में मुकाबला भाजपा के पक्ष में एकतरफा नजर आ रहा था, लेकिन अब यह समीकरण बदलता हुआ दिखाई दे रहा है।
कांग्रेस ने इस वार्ड से गीता सरकार को मैदान में उतारा है, जिनके आक्रामक जनसंपर्क और स्थानीय मुद्दों पर पकड़ ने मुकाबले को काफी हद तक करीबी बना दिया है। वहीं, पूर्व पार्षद रविंद्र राय की बहू शीला राय का निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरना, मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहा है।
स्थानीय राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, शीला राय का चुनावी मैदान में उतरना भाजपा के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकता है। रविंद्र राय की इलाके में अच्छी पकड़ और पुराने वोट बैंक का असर भाजपा के पारंपरिक वोटों में सेंध लगा सकता है।
प्रेम सरकार का प्रभाव: हवा के रुख में बदलाव की आहट?
राजनीतिक समीकरणों को और जटिल बना रहे हैं स्थानीय राजनीति के प्रभावशाली चेहरे प्रेम सरकार और उनके सहयोगी। प्रेम सरकार की रणनीति और जनसंपर्क अभियानों ने भाजपा के मजबूत किले में सेंध लगाने की संभावनाओं को मजबूती दी है। उनके नेतृत्व में कांग्रेस समर्थकों का आत्मविश्वास भी बढ़ा है, जो पहले की तुलना में ज्यादा सक्रिय नजर आ रहे हैं।
वार्ड क्रमांक 02: भाजपा के लिए दूसरी चुनौती
वार्ड क्रमांक 02 में भी स्थिति भाजपा के लिए पूरी तरह सहज नहीं है। यहां पर भी कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवारों की सक्रियता ने भाजपा की चिंता बढ़ा दी है। यदि वार्ड क्रमांक 01 और 02 में भाजपा को अपेक्षित समर्थन नहीं मिला, तो इसका सीधा असर नगर पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव पर भी पड़ सकता है।
भाजपा के लिए सबसे बड़ी चिंता:
भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती अब यह बन गई है कि कहीं परंपरागत वोट बैंक में दरार न आ जाए। यदि मतदाता नाराजगी या असंतोष के कारण वोटिंग पैटर्न बदलते हैं, तो भाजपा के लिए चुनावी नैया पार लगाना मुश्किल हो सकता है।
स्थानीय मतदाताओं के विचार भी इस चुनाव को दिलचस्प बना रहे हैं। एक मतदाता ने कहा, “इस बार मुकाबला दिलचस्प है, किसी को भी कम नहीं आंका जा सकता। मुद्दे विकास, पारदर्शिता और उम्मीदवारों की छवि पर टिके हुए हैं।”
नगर पंचायत धरमजयगढ़ के वार्ड क्रमांक 01 और 02 में चुनावी तस्वीर लगातार बदल रही है। जहां भाजपा अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है, वहीं कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशी मैदान को और अधिक प्रतिस्पर्धी बना रहे हैं।
इसका जवाब तो चुनाव परिणाम ही देंगे, लेकिन इतना तय है कि इस बार का चुनाव भाजपा के लिए पहले से कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण और अप्रत्याशित होने वाला है।

रिपोर्टर – ऋषभ तिवारी


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