धरमजयगढ़ की सियासत में नया मोड़: निर्दलीय रविंद्र राय के नाम वापसी से भाजपा को मिली राहत, लेकिन बंग समाज की एकजुटता क्या करेगी असर ?

द्वारा — विशेष संवाददाता नगरपंचायत चुनाव की राजनीति में एक और बड़ा मोड़ आ गया है। निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र राय ने नाम वापसी के अंतिम दिन अपना नामांकन वापस लेकर उन अटकलों को सही साबित कर दिया, जो यह कह रही थीं कि भाजपा उन्हें अपने पाले में लाने में सफल हो सकती है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने यह कदम भाजपा के दबाव में उठाया या किसी अन्य रणनीतिक कारण से, लेकिन इतना तय है कि इससे भाजपा को राहत मिली है और वह संभावित डैमेज को “मैनेज” करने में सफल रही है।
रविंद्र राय की उम्मीदवारी से भाजपा को संभावित नुकसान हो सकता था, क्योंकि वह निर्दलीय लड़ते तो वोटों का बंटवारा तय था। उनकी नाम वापसी को भाजपा की चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। पार्टी ने उनके फैसले पर चुप्पी साध रखी है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा ने उन्हें मना लिया है या किसी रणनीतिक समझौते के तहत यह कदम उठाया गया है।
हालांकि, सवाल यह भी उठता है कि क्या यह नाम वापसी भाजपा के लिए पूर्ण रूप से फायदेमंद साबित होगी? क्योंकि बंग समाज पहले ही गोलबंद होकर अनिल सरकार के साथ है, ऐसे में रविंद्र राय के नाम वापसी से गदगद भाजपा को अतिआत्मविश्वास में आने से बचना होगा, क्योंकि ” ध्रुवीकरण ” के रूप में एक बड़ी चुनौती मुंह बाये खड़ी है , औऱ इस चुनौती को पार करना आसान नहीं होगा!
