सजल मधु के सुलगते सवाल , क्या है अपराध ? सजल मधु लड़ेंगे न्याय की लड़ाई !

धरमजयगढ़ के ग्राम बायसी कॉलोनी के एक्टिविस्ट सजल मधु को लेकर पिछले दिनों छपी एक खबर चर्चा में है , समाज के लोगों के कहने पर उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष रखा , उन्हीं के बताये अनुसार उनकी कहानी कुछ इस तरह है – ग्राम पंचायत बायसी कॉलोनी निवासी सजल मधु ने वर्ष 2010-11 में भारत एल्युमिनियम कंपनी और डीबी पॉवर के प्रस्तावित ओपन कोल ब्लॉक के खिलाफ ग्रामीणों के साथ मिलकर संवैधानिक रूप से विरोध प्रदर्शन, रैली और याचिकाओं के माध्यम से आंदोलन चलाया। दिल्ली और एनजीटी भोपाल से लेकर हाईकोर्ट तक उन्होंने पर्यावरण और जनहित के मुद्दे पर मुकदमे दायर किए, जिससे कंपनियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।

कंपनियों द्वारा बार-बार समझौते के लिए पैसे का प्रस्ताव दिया गया, जिसे सजल मधु ने ठुकरा दिया। इसके बाद, 2011 में एक ही वर्ष में धरमजयगढ़ पुलिस द्वारा 6 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से अधिकतर मामले डीबी पॉवर कंपनी से जुड़े कर्मचारियों के बयान पर आधारित थे। तत्कालीन थाना प्रभारी द्वारा महज एक वर्ष के भीतर 107, 116(3), और 110 जा.फौ. के तहत कार्यवाही कर उन्हें हिस्ट्रीशीटर व गुंडा-बदमाश घोषित कर दिया गया।


सूचना का अधिकार से हुआ खुलासा – सजल मधु ने आरटीआई के तहत थाना प्रभारी से प्राप्त दस्तावेजों में पाया कि कुछ मामलों में उन्हें न तो कोई नोटिस दिया गया, न कोई सूचना, और कुछ मामलों को कोर्ट में पेश भी नहीं किया गया। पुलिस रिकॉर्ड्स और कोर्ट आदेशों में कई केस राजीनामे, खात्मा या पीड़ित के पक्ष में समाप्त हो चुके हैं।

हाईकोर्ट में दायर याचिका – आदेश के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं ?

सजल मधु के अनुसार उन्होंने 2021 में हाईकोर्ट में याचिका (WPCR 668/2021) दायर की, जिसके तहत कोर्ट ने 10 विभागों को नोटिस जारी कर हिस्ट्रीशीट हटाने हेतु SP रायगढ़ कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत करने का आदेश दिया। सजल ने नियमानुसार दस्तावेज प्रस्तुत कर दिए, लेकिन अब तक पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।

पर्यावरण जागरूकता के लिए हुये सम्मानित –

सजल मधु पर्यावरण और हाथियों के संरक्षण के लिए ‘हाथी सबका साथी’ अभियान के तहत लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में जनजागरूकता अभियान चला रहे हैं। इसके लिए उन्हें 2017 में दिल्ली से “नीलकंठ सम्मान” से सम्मानित किया गया।

13 वर्षों से कोई नया केस नहीं – फिर भी हिस्ट्रीशीटर दर्ज ?

सजल मधु ने कहा कि 2011 के बाद से आज तक सजल मधु पर कोई नया मामला दर्ज नहीं हुआ, बावजूद इसके उनका नाम अब तक गुंडा बदमाश की सूची में बना हुआ है। सजल मधु एक बार फिर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं।
सवाल उठते हैं:-
क्या पर्यावरण और जनहित की लड़ाई लड़ने की सजा हिस्ट्रीशीटर बनना है?

जब केस खारिज, राजीनामा या कोर्ट से समाप्त हो चुके हैं — तो 13 साल बाद भी नाम क्यों नहीं हटाया गया?


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