प्रत्याशी चयन को लेकर धरमजयगढ़ बीजेपी में असमंजस की स्थिति!

गतिरोध और ध्रुवीकरण के संकट को सुलझाना बड़ी चुनौती
ब्यूरो रिपोर्ट:- छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ नगर पंचायत क्षेत्र में आसन्न नगरीय निकाय चुनावों को लेकर स्थानीय राजनीति का माहौल सरगर्म होता जा रहा है। मुख्य राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस की ओर से अपने उम्मीदवार तय किए जाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। हाल ही में धरमजयगढ़ के राजनीतिक हालत कुछ ऐसे बन गए हैं जिससे स्थानीय बीजेपी और संगठन के सामने प्रत्याशी चयन को लेकर भारी असमंजस की स्थिति निर्मित हो गई है। इस बार आपसी वर्चस्व की लड़ाई ने धरमजयगढ़ भाजपा को विपरीत परिस्थिति में उलझा दिया है। सिर्फ़ यही नहीं, बीजेपी के स्थानीय राजनीतिक इतिहास में संभवतः यह पहली बार होगा जब वर्ग विशेष के संभावित ध्रुवीकरण जैसे संकट को सुलझाना भाजपा और संगठन के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है। भाजपा के स्थानीय दिग्गज नेताओं द्वारा आरक्षित वर्ग से ही प्रत्याशी चयन की मांग भाजपा के स्थानीय राजनीति में वैचारिक मतभेद की बारीक कड़ियों को उजागर करता है। धरमजयगढ़ नगर पंचायत क्षेत्र में निकाय चुनाव को लेकर स्थानीय राजनीति के अंदरूनी परिदृश्य तेज़ी से बदल रहे हैं। फिलहाल किसी भी पार्टी ने अपने उम्मीदवार तय नहीं किए हैं। इस बीच धरमजयगढ़ बीजेपी के सामने आपसी अंतर्विचार से उत्पन्न हुई विपरीत स्थिति को संभालने का भार आ गया है। वहीं, मुख्य प्रतिद्वंदी के तौर पर स्थानीय कांग्रेस लगातार बीजेपी की गतिविधियों पर नज़र रखते हुए समय का इंतजार कर रही है। ऐसे में तीसरे विकल्प के रूप में निर्दलीय दावेदार भी अपना गढ़ मजबूत करने से नहीं चूक रहे हैं।
इन सब के बीच धरमजयगढ़ नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी चयन को लेकर भाजपा द्वारा सामान्य के बजाय अनारक्षित वर्ग से चेहरा तलाशने की चर्चाओं ने स्थानीय राजनीति में हलचल मचा रखी है। वर्तमान में अध्यक्ष पद के लिए धरमजयगढ़ नगर पंचायत अध्यक्ष पद की सीट को सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है। वहीं, इस मामले में बीजेपी के स्थानीय नेताओं द्वारा सामान्य वर्ग से ही प्रत्याशी चयन की मांग सार्वजनिक मंचों के जरिए की जा रही है। वर्तमान समय में अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी चयन को लेकर स्थानीय भाजपा कशमकश में है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि इस तरह के अंदरूनी गतिरोध ने पार्टी को स्थानीय स्तर पर कई धड़ों में विभक्त कर दिया है। इसके साथ ही राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इसकी वजह से धरमजयगढ़ बीजेपी और संगठन को खासा नुकसान पहुंच सकता है।